Welcome to a heart-touching collection of 2 Line Bewafa Shayari in Hindi, perfectly written for Girlfriend and Wife. If you are loyal to someone and have faced the pain of bewafai, this mix of wafa and bewafa shayari will truly touch your heart. We have added deep and emotional bewafa shayari Hindi for those who feel betrayed in love. You will also find bewafa shayari in Hindi for girlfriend and sad bewafa wife shayari in Hindi to express your true feelings. From dard bhari bewafa shayari to bewafa dost shayari in Hindi, speak every emotion is beautifully and deeply.
Whether you are missing a bewafa sanam or want to share your pain, this bewafa shayari Hindi collection will help you speak without words. Let the shayari heal your heart.
Table of Contents
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हम जिन्हें चाहते हैं, वो हमें चाहते भी नहीं।
औरों से वफ़ा करते हैं और हमें ठुकराते भी नहीं।
सुना था तेरे शहर के लोग वफ़ा करते हैं साहब,
जब दीवाने हम हुए तो उसूल ही बदल गए।
ज़िंदगी न कर सकी इस दर्द का इलाज,
सुकून तब-तब मिला, जब-जब तुझे याद किया।
मैं मर जाऊं तो मेरा दिल निकाल कर उसको दे आना,
मैं नहीं चाहता कि मेरे मरने के बाद वो खेलना छोड़ दे।
वफ़ा का नाम न लो, वफ़ा अब दिल दुखाती है,
वफ़ा का नाम लेने से फिर एक बेवफ़ा याद आती है।
आप नफ़रत से देख लेते हैं,
आपकी ये भी… मेहरबानी है।
तेरे कहने पे छोड़ा है तुझे,
ज़माने से न कहना कि बेवफ़ा हूँ।
दस्तूर-ए-वफ़ा समझो या उसूल-ए-मोहब्बत,
कुछ तुम बदल रहे थे, कुछ हम बदल गए।
ज़माना छान कर किया था मुन्तख़ब तुमको,
मेरी किस्मत ही ऐसी थी कि तू भी बेवफ़ा निकली।
कभी टूटे जो ज़िद तेरी,
लौट आना मेरे बन कर।
दुनिया हज़ार ज़ुल्म करे उसका तो ग़म नहीं,
तूने जो मारा फूल वो पत्थर से कम नहीं।
कुछ लोग हमारी क़दर इसलिए भी नहीं करते,
क्योंकि हम लोग उन्हें चाहने में बेइंतिहा कर देते हैं।
इतना आसान नहीं है, शहर-ए-वफ़ा का पता पाना,
यहां तो राह दिखाने वाले भी खुद भटकते हैं।
तुझमें तेरी मोहब्बत का तब एहसास होगा,
जब तू किसी और की बाहों में होगी।
तुमने उस वक़्त बेवफ़ाई की,
जब यक़ीन आख़िरी मुक़ाम पर था।
अब किसी पर यकीन करना मुमकिन नहीं.
क्योंकि सबसे बड़ा धोखा अपनों ने दिया.
Wafa Shayari in Hindi

कितना मातम होगा यहाँ वफ़ा का उस दिन,
जब हम तेरी यादों से भी उतर जाएँगे।
नफ़रतों की दुनिया में प्यार की उम्मीद न कर,
ज़िंदगी तो मिट जाती है पर वफ़ा नहीं मिलती।
तेरी वफ़ा के क़ायदे ही बदल गए हैं अब,
वरना आज भी तुझसे प्यारा कोई नहीं है।
दर्द की शिद्दत से शर्मिंदा नहीं मेरी वफ़ा,
जो रिश्ते गहरे होते हैं, ज़ख्म भी गहरे देते हैं।
वो अपनी वफ़ाओं का ज़िक्र कर रहा था,
नज़र हम पर पड़ी तो अचानक चुप हो गया।
उसके लब और फिर वफ़ा की क़सम…
क्या क़सम थी! खुदा की क़सम!
वफ़ा करेंगे, निभाएँगे, बात मानेंगे,
याद है तुम्हें ये अल्फ़ाज़ किसके थे?
रिश्तों में अदाकारी नहीं चलती,
वफ़ादारी ही असली पैमाना होती है।
दास्तान वफ़ा बस इतनी सी है,
उसी के लिए हमने उसी को छोड़ दिया।
ख़्वाहिश है तुझे खुद से ज़्यादा चाहने की,
मैं रहूं या न रहूं, मेरी वफ़ा याद रहेगी।
वही रिवाज वफ़ा का चलता आया है सदियों से,
जिन्हें पास बुलाया, वही सबसे दूर निकले।
अगर मिल जाए कोई वफ़ादार,
तो एक शख़्स ही बहुत होता है।
पिंजरा खुला हो फिर भी कुछ परिंदे नहीं उड़ते,
तुमने सिर्फ़ मोहब्बत देखी है, वफ़ा नहीं देखी।
अदाओं में माहिर लोग,
अक्सर वफ़ादारी की बड़ी बातें करते हैं।
मौक़ा तो दो मुझे एतबार कमाने का,
थक जाओगे चलकर मेरी वफ़ा के साथ।
बातें ऐसी कि वफ़ा उन पर खत्म हो जाए,
पर जब निभाने का वक़्त आया तो सब मजबूर निकले।
वफ़ादार की तलाश उन्हें भी है,
जो खुद कभी वफ़ा नहीं करते।
Bewafa Shayari in Hindi for Love
वो तो वफ़ा कर रहे हैं, कभी इधर तो कभी उधर।
उन्हें बेवफ़ा जो बोलूं तो तौहीन है वफ़ा की।
चाहने वालों को मिलते ही नहीं चाहने वाले,
हमने हर दग़ाबाज़ की बाँहों में सनम देखे हैं।
न जाने क्या बात है उसकी उदास आँखों में,
कि वो बेवफ़ा हो के भी बेवफ़ा नहीं लगता।
फिर आज कौन है मेरी जगह पर,
तुम तो कहते थे नहीं, तुम-सा कोई।
जिसने रूह तक को तोड़ डाला.
उसे खामोशी से दुआ भी नहीं दूँगी.
कितना अजीब है उनका अंदाज़-ए-मोहब्बत,
रोज़ रुला के कहते हैं अपना ख़याल रखना।
जिन लोगों के कहने पे तुमने मुझे छोड़ दिया था,
आज वही बता रहे हैं कि तुम अक्सर उदास रहते हो।
बेवफ़ाई वो गुनाह है जिसकी माफ़ी नहीं होती,
जान लेता है इश्क़, सिर्फ़ वफ़ा काफ़ी नहीं होती।
जिनसे बेवफ़ाई करना हम गुनाह समझते थे,
आज उसने छोड़ते वक़्त मुड़ कर भी नहीं देखा।
मेरे दर्द की दुकान है साहब,
जो अपनों की बेवफ़ाई से चलती है।
क़समें खाते थे जो उम्र भर साथ चलने की,
आज वही हमें देख कर रास्ता बदल लेते हैं।
तेरी बेरुख़ी पे कोई ऐतराज़ नहीं हमें,
किस हाल में हैं हम — इतना तो पूछ लिया करो।
दुआ-ए-बद नहीं देता, बस इतना कहता हूँ,
कि जिसे तेरा दिल लग जाए, वो तुझ-सा बेवफ़ा निकले।
Bewafa Shayari 2 Line Hindi

हमने तो की थी तुमसे सच्ची वफ़ा,
लेकिन तुम ही झूठे निकले हर जगह।
उसके छोड़ जाने के बाद हमने मोहब्बत नहीं की,
छोटी सी ज़िंदगी है, किस-किस को आज़माते फिरेंगे।
कमाल की मोहब्बत थी कुछ लोगों की मुझसे.
बिन बताए शुरू हुई, बिन बताए खत्म हो गई.
सच कहूँ, अब तुमसे नफ़रत सी होने लगी है,
क्योंकि इतना बेवफ़ा कोई अच्छा नहीं लगता।
दोस्तों के दोस्त, यारों के यार रहेंगे,
कल भी सदाबहार थे, आज भी रहेंगे।
बातें इतनी की जैसे वफ़ा उन्हीं पर ख़त्म,
पर जब निभाने की बारी आई तो मजबूर निकले।
साँस मेरी उलझ जाती है,
जब तेरा नाम कोई और लेता है।
वही रात भर तेरा ज़िक्र था हमारे साथ,
वही नींद मुँह बनाकर बैठी रही सारी रात।
ज़माना वफ़ादार नहीं तो क्या हुआ ऐ दिल,
धोखेबाज़ भी तो अक्सर यार ही निकला करते हैं।
बेवफ़ा वक़्त था, तू था या मुक़द्दर मेरा,
बात बस इतनी है कि अंजाम जुदाई निकला।
मेरा दिल भी तेरी तरह बेवफ़ा निकला,
धड़कता है तो किसी और के लिए।
बेवफ़ाई वो गुनाह है जिसकी माफ़ी नहीं होती,
जान लेता है इश्क़ सिर्फ़ वफ़ा काफ़ी नहीं होती।
मेरी तलाश का जुर्म था या मेरी वफ़ा का क़सूर,
जो भी दिल के करीब आया वही बेवफ़ा निकला।
दर्द की तो हद कर दी उस बेवफ़ा ने,
जब सबसे सामने कहा
मोहब्बत वफ़ादारों की दास्तान होती है,
और बेवफ़ाओं की बस एक घटना।
पहले कभी दुनिया से मोहब्बत नहीं माँगी,
ये क़हत तेरे हिज्र में पहली बार पड़ा है।
वादे वफ़ा के क्यों तोड़ दिए तूने,
बीच सफ़र में क्यों अकेला छोड़ दिया तूने।
हमने तो एक बेवफ़ा की ख़ातिर,
दुनिया और आख़िरत दोनों तबाह कर दी।
फूलों के साथ काँटे इसलिए लगते हैं,
कि दोस्त सोचकर हाथ बढ़ाएँ हर बार।
Dard Bhari Bewafa Shayari
अरे कौन कहता है मोहब्बत काफ़िर बना देती है,
मुझे सजदे में रोना मोहब्बत ने सिखाया है।
एक धोखा बहुत ज़रूरी था,
एतबार की हद से निकल गया था मैं।
वफ़ा मत रख उन लोगों से,
जो मिलते हैं किसी से और होते हैं किसी के।
मोहब्बत तो बहुत दूर की बात है,
तू तो हमारी नफ़रत को भी तरसेगी।
बड़ा शौक है न तुझको बातें करने का,
आ बैठ बता किस मोड़ पे वफ़ा की तूने।
नसीब मेरा क्यों मुझसे खफ़ा हो जाता है,
अपना जिसे भी मानो — वो बेवफ़ा हो जाता है।
तुमसे वफ़ा की उम्मीद भी न थी,
बेवफ़ा जो ठहरे थे तुम पहले ही।
तुम्हारा बदलना तुम्हें मुबारक हो,
हम बदले तो मोहब्बत बदनाम हो जाएगी।
वो और उसकी मोहब्बत भी क्या कहानी थी,
पहले दूर हुआ, फिर मजबूर हुआ — फिर किसी और का हुआ।
ये भी एक तमाशा है इश्क़ और मोहब्बत में,
दिल किसी का होता है, और चलता किसी और का है।
जब एतबार ही किसी से उठ जाए,
तो फिर कोई क़सम खाए या ज़हर फ़र्क नहीं पड़ता।
मेरी तबाहियों में तेरा हाथ है मगर,
मैं सबसे कह रहा हूँ ये मुक़द्दर की बात है।
मुझे वापस कर के देख मेरी सारी वफ़ाएँ,
मैं भी तो देखूँ तेरे पास रहता क्या है।
मेरे बाद अगर तुझको मुझ जैसा कोई मिले,
तो फिर किसी और के साथ मुझ जैसा मत करना।
मैं तेरी बेवफ़ाई से परेशान नहीं हूँ,
दिल लगाने को अभी सारा जहाँ बाक़ी है।
Hindi Shayari on Bewafa Sanam
तेरे दिल की हर धड़कन की आवाज़ पहचानता हूँ मैं,
तू बेवफ़ा निकलेगी — ये न जान सका मैं।
एतबार नहीं आता तो आज़मा कर देख ले,
तेरे चाहने वालों में हम पहले नंबर पर आएंगे।
तुझमें अपनी मोहब्बत का एहसास उसे तब होगा,
जब तू किसी और की बाहों में होगा।
वो जो सदियों से औरत पर गुज़र रही थी…
आज मर्द पर गुज़री तो जान ही चली गई “मेरे पास तुम हो”।
मैं एक बेवफ़ा से वफ़ा करता रहा,
वो ग़ैरों से मिल कर मुझे तबाह करता रहा।
इस तरह मुझसे निभाता है दुश्मनी अपनी,
नाम लिख-लिख कर हथेली से मिटा देता है।
मैंने हर रास्ते को नापा है तन्हाई में,
तुझसे बस चाँद जितनी दूरी है।
बेवफ़ाई तो सभी करते हैं दुनिया में,
तू समझदार है कुछ नया कर लेती।
फूल जब शाख से टूट जाए तो काम का नहीं रहता,
इसलिए खुद को मेरी ज़ात से सोच-समझ कर जुदा करना।
अपनी तहरीर से कुछ ऐसा उभारूंगा तुझे ऐ बेवफ़ा,
पढ़ने वाले तेरी तस्वीर बना डालेंगे।
कितनी शिद्दत से चाहा था मैंने उसे,
कोई दुश्मन भी होता तो उम्र भर निभाता।
इतनी गहराई से वो मेरी रगों में उतर गया,
उसे भूलने के लिए अब मुझे मरना होगा।
तुझे अपनी बाहों में भर कर,
जी चाहता है तुझसे तेरी बेवफ़ाई की वजह पूछूं।
Bewafa Shayari in Hindi for Girlfriend
तुम्हें गुमान है कि मुझे कुछ भी पता नहीं,
मुझे ख़बर है कि रास्ता बदल रही हो तुम।
मुझे लगता था कि तुम आओगी,
पर सिर्फ़ लगने से कोई वापस थोड़ी आता है।
हमसे क्या हो सका मोहब्बत में,
ख़ैर — तुमने तो बेवफ़ाई ही की थी।
मेरी शामों की रौनक हुआ करता था,
वो शख़्स — जो अब मुझसे बात भी नहीं करता।
मिट्टी का ही तू मिट्टी होना — इसमें क्या है बल-बल के?
आज मिट्टी के ऊपर है तू, कल मिट्टी के नीचे होगा।
अपने ही हाथों से कर दिया उसे आज़ाद,
जिस परिंदे में जान बसती थी मेरी।
तेरी मोहब्बत भी किराए के घर जैसी थी,
जितना भी सजाया — कभी मेरी हो ही न सकी।
जब खुद पर बीतेगी तब जानोगी,
कोई अपना याद न करे — तो कितना दर्द होता है।
क्या ज़रूरी था यूं ख़फ़ा होना,
तुम वैसे भी छोड़ सकती थीं — बिन कुछ कहे।
उसने कहा था — “तुम में अब वो बात नहीं,”
हम भी ख़ास होते अगर हम भी बेवफ़ा होते।
सुना है इश्क़ का शौक़ नहीं तुम्हें,
मगर बर्बाद कमाल का करते हो तुम।
लोगों को लगती है आह,
तुम्हें मेरा सब्र लगेगा — इंतज़ार करना।
नफ़रत करने वाले भी ज़रूरी हैं ज़िंदगी में,
वरना सब प्यार करने लगेंगे तो नज़र लग जाएगी।
हमसे मिलने में एक खराबी है,
फिर किसी और के नहीं रह पाओगे तुम।
तू मुझको जोड़ दे या रब,
मैं खुद को तोड़ बैठा हूँ।
मुझे सब मालूम है कि तू बेवफ़ा है,
फिर भी चाहा — शायद तेरी फितरत बदल जाए।
साँस मेरी उलझ जाती है,
जब तेरा नाम कोई और लेता है।
Sad Bewafa Wife Shayari in Hindi
अब तुझसे नफ़रत भी नहीं करनी मुझे,
ये भी तो एक टूटे रिश्ते की निशानी है।
मत सोच कि तेरे छोड़ने से मैं टूट जाऊँगा,
कई चाहने वाले थे जिन्हें तेरे लिए छोड़ा था।
तेरे नाम के धागे भी,
कल दरबार से खोल लाया हूँ मैं।
बहुत देखे हैं हमने इस दुनिया में बेवफ़ा,
पर तुझ जैसा कोई नहीं निकला यहाँ।
हमने की थी तुझसे सच्ची मोहब्बत,
पर तू ही झूठी निकली हर मोड़ पर।
गुज़री जो आज तेरी गली से,
तो आँख से आँसू यूँ ही बह निकले।
कुछ भी नहीं बदला उस मोड़ पे,
बस तू नहीं थी बाक़ी सब वही था।
अजीब सी कैद है तेरी मोहब्बत में,
न तू बाँध सकी न हम आज़ाद हो पाए।
सुना होगा दर्द की भी एक हद होती है,
मगर मिल हमसे — हम उस हद से आगे जाते हैं।
कोई शिकवा नहीं है अब तेरी बेवफ़ाई का,
गिला तब होता अगर तूने किसी से निभाई होती।
तेरा वो बेवफ़ा सा मुस्कुराना,
अब भी भूल जाना आसान नहीं है।
उसे तो जुदा होना भी नहीं आया,
जाते-जाते खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गया।
बेवफ़ाई चाहे मर्द करे या औरत,
वफ़ा निभाने वालों के लिए वो मौत बन जाती है।
मुझे भुला देने का तेरा दावा अपनी जगह,
पर मेरे नाम पर तेरा चौंकना सुकून दे गया।
जब भी दिल धड़कता है, बदन से चीख़ें उठती हैं,
इश्क़ ने बाँध के मारा है खुदा गवाह है।
Bewafa Dost Shayari
मेरी दर्द की दुकान है साहब,
जो अपनों की बेवफ़ाई से ही चलती है।
मुझे बेवफ़ा कहने से पहले मेरी रग-रग का ख़ून निचोड़ लेना,
अगर क़तरा-क़तरा वफ़ा न मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।
क्या तेरे दिल पर क़यामत कभी टूटेगी?
अगर तुझे देख कर मैं चुपचाप गुज़र जाऊँ।
टूट कर भी जो धड़कता रहे,
ऐसा वफ़ादार दिल कहीं और नहीं देखा।
बेवफ़ाओं से वफ़ा करके ही जी ली ज़िंदगी,
मैं वीरानों में भी बरसता रहा एक बादल की तरह।
नफ़रत करते तो शायद उनकी अहमियत बढ़ जाती,
हमने माफ़ कर के उन्हें ही शर्मिंदा कर दिया।
तन्हा कर गया वो शख़्स बस इतना कहकर,
सुना है मोहब्बत बढ़ती है — बिछड़ जाने से।
तुझसे वफ़ा की उम्मीद भी न थी,
बेवफ़ा जो ठहरे थे तुम पहले ही।
उस वक़्त तेरे दिल में बहुत दर्द उठेगा,
जब जुदा होकर मुझसे, तुझे मेरे ही नाम वाले मिलेंगे।
ग़ैरों से तुझे मोहब्बत थी ये मान लिया,
मगर ये तमाशा मेरे बाद भी हो सकता था।
मत सोच कि तेरे छोड़ने से मैं टूट जाऊँगा,
कई चाहने वाले थे जिन्हें तेरे लिए छोड़ा था।
उसे सफ़र में धोखा देना तो मुझसे भी हो सकता था,
मगर रगों में दौड़ती वफ़ा से बग़ावत न हो सकी।
बेवफ़ाई वो गुनाह है जिसकी माफ़ी नहीं होती,
जान लेता है इश्क़ — सिर्फ़ वफ़ा काफ़ी नहीं होती।
साथ छोड़ने वाले दोस्त से शिकायत क्या करूं,
जिसे हर बार अपना समझा — वो हर बार ग़ैर निकला।
जिसे हँसी बांटी थी, आँसू भी बाँटे थे,
वही आज सबसे पहले मुँह मोड़ गया दोस्त बनकर।
उसकी बेवफ़ाई के बाद भी उसे चाहा.
ये एतराफ़ भी मेरे गुनाहों में शामिल है.
इश्क़ ऐसा किया जो अब भी दिल में है.
मुझे खुद से ही शर्म आने लगी है.
दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी 4 line
रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया.
क्यों गया, ये भी बता कर नहीं गया.
हम तो उसके होने में ही जी रहे थे.
वो चुपचाप हमें सज़ा कर नहीं गया.
कभी उसका हुआ, कभी मेरा हुआ.
अपने हुस्न का यूँ ही सौदा करता गया.
न मोहब्बत बची, न वफ़ा कोई रही.
हर रिश्ता वो व्यापार समझता गया.
सच कहूँ — अब तुमसे नफ़रत सी होने लगी है.
क्योंकि इतनी बेवफ़ाई भी अच्छी नहीं लगती.
जो दिल से उतरे, वो आँखों में क्यों रहे.
अब तुम्हारी यादें भी सच्ची नहीं लगती.
कोई न था दिल में उसके सिवा.
फिर भी उसने तोड़ कर देखा मुझे.
हमने तो खुद को भुला दिया उसके लिए.
और उसने ही छोड़ दिया सबसे पहले मुझे.
कोई हमसफ़र न होगा अब तेरे बाद मेरा.
हमने सबको छोड़ा बस तेरे वास्ते.
बेवफ़ा निकला तू, फिर भी तुझसे शिकवा नहीं.
हमें तन्हाई से मोहब्बत है तेरे रास्ते.
वो बेवफ़ा न था, यूँ ही बदनाम हो गया.
हज़ारों थे चाहने वाले — पर वफ़ा किससे करता.
हमने समझा उसे बस अपना.
पर वो सबका होकर भी किसी का न हुआ.
अब किसी को मोहब्बत न दूँगी मैं.
जिसे चाहा वो किसी और का हो गया.
मेरे हिस्से की वफ़ा उसने बाँट दी.
अब मेरा दिल ही मुझसे खो गया.
दिल में उतर कर आँखों से बह गया.
तेरा ग़म भी तेरी तरह बेवफ़ा निकला.
जिसे अपना समझा था उम्र भर के लिए.
वही दर्द बनकर मेरे साथ चला.
वो मुझे भूल भी सकता है.
मैं कोई उसका ईमान तो नहीं.
मगर दिल इतना भी कमजोर नहीं.
कि बेवफ़ा को फिर से पहचान न सके.
Bewafa Dhokebaaz Shayari
बेवफा भी तुम थे, धोखेबाज़ भी तुम,
फिर भी हर दुआ में शामिल थे तुम।
हमने तो सच्चाई से निभाई थी मोहब्बत,
तुमने झूठ से रच दी साज़िश हर पल।
वादा करके तुम ही बदल गए,
हम भरोसे की गलियों में खो गए।
तुम्हारी बातों में मिठास थी बहुत,
पर दिल में छुपा था ज़हर का समंदर।
तन्हाई में भी हमने तुझे चाहा,
तू महफिलों में हमें भूलता रहा।
हमने चुपचाप सह लिए ज़ख्म सारे,
तू हर बार हँस के वार करता रहा।
अब भरोसा करना आसान नहीं,
क्योंकि तूने यकीन को तोड़ डाला।
तेरे लिए इश्क़ बस खेल था,
हमारे लिए तो वो पूजा सा था।
अब किसी की बातों पर यकीन नहीं होता,
तेरे बाद दिल हर चेहरे से डरता है।
दिल टूटा है पर अब ये वादा है,
किसी धोखेबाज़ पर फिर दिल नहीं हारेंगे।