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Bewafa Shayari in Hindi 2 Line for Girlfriend and Wife

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Top Bewafa Shayari in Hindi Text

हम जिन्हें चाहते हैं, वो हमें चाहते भी नहीं।
औरों से वफ़ा करते हैं और हमें ठुकराते भी नहीं।

सुना था तेरे शहर के लोग वफ़ा करते हैं साहब,
जब दीवाने हम हुए तो उसूल ही बदल गए।

ज़िंदगी न कर सकी इस दर्द का इलाज,
सुकून तब-तब मिला, जब-जब तुझे याद किया।

आप नफ़रत से देख लेते हैं,
आपकी ये भी… मेहरबानी है।

तेरे कहने पे छोड़ा है तुझे,
ज़माने से न कहना कि बेवफ़ा हूँ।

कभी टूटे जो ज़िद तेरी,
लौट आना मेरे बन कर।

दुनिया हज़ार ज़ुल्म करे उसका तो ग़म नहीं,
तूने जो मारा फूल वो पत्थर से कम नहीं।

कुछ लोग हमारी क़दर इसलिए भी नहीं करते,
क्योंकि हम लोग उन्हें चाहने में बेइंतिहा कर देते हैं।

इतना आसान नहीं है, शहर-ए-वफ़ा का पता पाना,
यहां तो राह दिखाने वाले भी खुद भटकते हैं।

तुझमें तेरी मोहब्बत का तब एहसास होगा,
जब तू किसी और की बाहों में होगी।

तुमने उस वक़्त बेवफ़ाई की,
जब यक़ीन आख़िरी मुक़ाम पर था।

अब किसी पर यकीन करना मुमकिन नहीं.
क्योंकि सबसे बड़ा धोखा अपनों ने दिया.

कितना मातम होगा यहाँ वफ़ा का उस दिन,
जब हम तेरी यादों से भी उतर जाएँगे।

तेरी वफ़ा के क़ायदे ही बदल गए हैं अब,
वरना आज भी तुझसे प्यारा कोई नहीं है।

Wafa Shayari in Hindi

Wafa Shayari in Hindi

अगर मैं मर जाऊँ तो मेरा दिल निकालकर उसे दे आना।
मैं नहीं चाहता कि मेरी मौत के बाद भी वो अपना खेल छोड़ दे।

वफ़ा का नाम मत लो, अब वफ़ा सिर्फ़ दिल तोड़ती है।
उसका ज़िक्र होते ही फिर कोई बेवफ़ा याद आ जाती है।

इसे वफ़ा का रिवाज़ कहो या मोहब्बत का नियम।
कुछ तुम बदले थे और कुछ हम बदल गए।

दुनिया छाँट-छाँट कर तुझे चुना था, पर किस्मत ने खेल दिखा दिया।
मेरी तक़दीर ऐसी निकली कि तुम भी बेवफ़ा निकली।

नफ़रतों भरी दुनिया में प्यार की आस मत रखना।
ज़िन्दगी मिट जाती है पर वफ़ा मिलना मुश्किल है।

अब तेरी वफ़ाओं के कायदे बदल गए हैं।
वरना आज भी तुझसे प्यारा कोई नहीं है।

मेरे वफ़ा को दर्द की तीव्रता से शर्म नहीं आती।
गहरे रिश्ते अक्सर गहरे ज़ख्म दे जाते हैं।

वह अपनी वफ़ाओं की बातें कर रहा था मगर बात में ठहराव था।
जब उसकी नज़र हम पर पड़ी तो वह अचानक चुप हो गया।

ख्वाहिश है तुझे अपने से भी ज़्यादा चाहने की।
चाहे मैं रहूँ या न रहूँ, मेरी वफ़ा याद रहेगी।

वही वफ़ा का रिवाज़ सदियों से चलता आ रहा है।
जिन्हें पास बुलाया गया, वही अक्सर सबसे दूर निकलते हैं।

पिंजरा खुला होने के बाद भी कुछ परिंदे उड़ते नहीं।
तुमने सिर्फ़ मोहब्बत देखी है, वफ़ा की असलियत नहीं देखी।

ऐसी बातें कि वफ़ा उन्हीं पर ठहर जाए।
मगर निभाने का वक़्त आया तो सब मजबूर निकले।

Bewafa Shayari in Hindi for Love

फिर आज कौन है मेरी जगह पर,
तुम तो कहते थे नहीं, तुम-सा कोई।

जिसने रूह तक को तोड़ डाला.
उसे खामोशी से दुआ भी नहीं दूँगी.

कितना अजीब है उनका अंदाज़-ए-मोहब्बत,
रोज़ रुला के कहते हैं अपना ख़याल रखना।

जिन लोगों के कहने पे तुमने मुझे छोड़ दिया था,
आज वही बता रहे हैं कि तुम अक्सर उदास रहते हो।

बेवफ़ाई वो गुनाह है जिसकी माफ़ी नहीं होती,
जान लेता है इश्क़, सिर्फ़ वफ़ा काफ़ी नहीं होती।

मेरे दर्द की दुकान है साहब,
जो अपनों की बेवफ़ाई से चलती है।

तेरी बेरुख़ी पे कोई ऐतराज़ नहीं हमें,
किस हाल में हैं हम — इतना तो पूछ लिया करो।

दुआ-ए-बद नहीं देता, बस इतना कहता हूँ,
कि जिसे तेरा दिल लग जाए, वो तुझ-सा बेवफ़ा निकले।

वफ़ा का नाम लेकर वो कभी यहाँ तो कभी वहाँ जाते हैं,
अगर उन्हें बेवफ़ा कह दूँ तो जैसे वफ़ा की रूह को ठेस पहुँचाते हैं।

प्यार करने वाले अक्सर प्यार से महरूम रह जाते हैं,
हमने वफ़ादारी ढूँढी तो हर किसी की बाँहों में किसी और को ही पाया।

उसकी आँखों की खामोशी में अजीब सा राज़ छुपा है,
बेवफ़ाई करने के बाद भी वो बेवफ़ा नज़र नहीं आता।

जिन्हें धोखा देना हमें सबसे बड़ा गुनाह लगता था,
उन्होंने जुदाई के वक़्त पीछे मुड़ कर देखना भी ज़रूरी न समझा।

वो कसम खाते थे हमेशा साथ निभाने की,
आज वही हमें देखकर रास्ता बदलने में देर नहीं लगाते।

Bewafa Shayari 2 Line Hindi

Bewafa Shayari 2 Line Hindi

साँस मेरी उलझ जाती है,
जब तेरा नाम कोई और लेता है।

वही रात भर तेरा ज़िक्र था हमारे साथ,
वही नींद मुँह बनाकर बैठी रही सारी रात।

ज़माना वफ़ादार नहीं तो क्या हुआ ऐ दिल,
धोखेबाज़ भी तो अक्सर यार ही निकला करते हैं।

बेवफ़ा वक़्त था, तू था या मुक़द्दर मेरा,
बात बस इतनी है कि अंजाम जुदाई निकला।

मेरा दिल भी तेरी तरह बेवफ़ा निकला,
धड़कता है तो किसी और के लिए।

बेवफ़ाई वो गुनाह है जिसकी माफ़ी नहीं होती,
जान लेता है इश्क़ सिर्फ़ वफ़ा काफ़ी नहीं होती।

मोहब्बत वफ़ादारों की दास्तान होती है,
और बेवफ़ाओं की बस एक घटना।

वादे वफ़ा के क्यों तोड़ दिए तूने,
बीच सफ़र में क्यों अकेला छोड़ दिया तूने।

हमने तो एक बेवफ़ा की ख़ातिर,
दुनिया और आख़िरत दोनों तबाह कर दी।

फूलों के साथ काँटे इसलिए लगते हैं,
कि दोस्त सोचकर हाथ बढ़ाएँ हर बार।

उसके जाने के बाद मोहब्बत से दूर हो गए हम,
छोटी सी ज़िंदगी में हर किसी को आज़माना आसान नहीं।

कुछ रिश्ते कमाल के होते हैं इस मोहब्बत में,
बिन कहे शुरू होते हैं और बिन बताए खत्म हो जाते हैं।

बातों में वफ़ा का ऐसा नकाब ओढ़ा था उन्होंने,
पर निभाने की घड़ी आई तो बेबस नज़र आए।

मेरी चाहत थी या मेरी सच्चाई का इल्ज़ाम,
जो भी करीब आया वही बेवफ़ा साबित हुआ।

पहले कभी मोहब्बत की दुआ नहीं माँगी थी,
तेरी जुदाई में दिल ने पहली बार ये ख्वाहिश की।

उस बेवफ़ा ने दर्द की सारी हदें तोड़ दीं,
जब सबके सामने उसने हमें अजनबी कहा।

सच कहूँ, अब तुमसे नफ़रत सी होने लगी है,
क्योंकि इतना बेवफ़ा कोई अच्छा नहीं लगता।

दोस्तों के दोस्त, यारों के यार रहेंगे,
कल भी सदाबहार थे, आज भी रहेंगे।

Dard Bhari Bewafa Shayari

बातें करने का शौक तो तुझे हमेशा रहा,
चल बता आज कहाँ पर अपनी वफ़ा तूने छोड़ी थी।

इश्क़ की दुनिया भी अजीब खेल दिखाती है,
दिल कोई और जीतता है, धड़कनें किसी और की होती हैं।

जब भरोसा ही किसी पर से टूट जाए,
तो फिर क़सम हो या वादा, सब बेमानी हो जाता है।

अरे कौन कहता है मोहब्बत काफ़िर बना देती है,
मुझे सजदे में रोना मोहब्बत ने सिखाया है।

एक धोखा बहुत ज़रूरी था,
एतबार की हद से निकल गया था मैं।

वफ़ा मत रख उन लोगों से,
जो मिलते हैं किसी से और होते हैं किसी के।

मोहब्बत तो बहुत दूर की बात है,
तू तो हमारी नफ़रत को भी तरसेगी।

नसीब मेरा क्यों मुझसे खफ़ा हो जाता है,
अपना जिसे भी मानो — वो बेवफ़ा हो जाता है।

तुमसे वफ़ा की उम्मीद भी न थी,
बेवफ़ा जो ठहरे थे तुम पहले ही।

तुम्हारा बदलना तुम्हें मुबारक हो,
हम बदले तो मोहब्बत बदनाम हो जाएगी।

वो और उसकी मोहब्बत भी क्या कहानी थी,
पहले दूर हुआ, फिर मजबूर हुआ — फिर किसी और का हुआ।

मेरी तबाहियों में तेरा हाथ है मगर,
मैं सबसे कह रहा हूँ ये मुक़द्दर की बात है।

मुझे वापस कर के देख मेरी सारी वफ़ाएँ,
मैं भी तो देखूँ तेरे पास रहता क्या है।

मेरे बाद अगर तुझको मुझ जैसा कोई मिले,
तो फिर किसी और के साथ मुझ जैसा मत करना।

मैं तेरी बेवफ़ाई से परेशान नहीं हूँ,
दिल लगाने को अभी सारा जहाँ बाक़ी है।

Hindi Shayari on Bewafa Sanam

कितनी शिद्दत से चाहा था मैंने उसे,
कोई दुश्मन भी होता तो उम्र भर निभाता।

तुझमें अपनी मोहब्बत का एहसास उसे तब होगा,
जब तू किसी और की बाहों में होगा।

वो जो सदियों से औरत पर गुज़र रही थी…
आज मर्द पर गुज़री तो जान ही चली गई “मेरे पास तुम हो”।

मैं एक बेवफ़ा से वफ़ा करता रहा,
वो ग़ैरों से मिल कर मुझे तबाह करता रहा।

इस तरह मुझसे निभाता है दुश्मनी अपनी,
नाम लिख-लिख कर हथेली से मिटा देता है।

मैंने हर रास्ते को नापा है तन्हाई में,
तुझसे बस चाँद जितनी दूरी है।

बेवफ़ाई तो सभी करते हैं दुनिया में,
तू समझदार है कुछ नया कर लेती।

फूल जब शाख से टूट जाए तो काम का नहीं रहता,
इसलिए खुद को मेरी ज़ात से सोच-समझ कर जुदा करना।

तेरे दिल की हर धड़कन की आवाज़ पहचानता हूँ मैं,
तू बेवफ़ा निकलेगी ये न जान सका मैं।

अगर एतबार नहीं आता तो एक बार आज़मा कर देखो,
तेरे चाहने वालों की गिनती में मेरा नाम सबसे ऊपर रहेगा।

अपनी तहरीर से ऐसा असर पैदा कर दूँगा ऐ बेवफ़ा,
जो उसे पढ़ेंगे वे बस तेरी ही तस्वीर दिल में बसा लेंगे।

वो इतनी गहराई तक मेरी रगों में उतर गया,
उसे भुलाने के लिए अब शायद मुझे ही मरना होगा।

तेरी बाहों में तुझे भरकर जीने का मन है,
फिर सीधा पूछ लूँगा कि आखिर तेरी बेवफ़ाई की वजह क्या थी।

Bewafa Shayari in Hindi for Girlfriend

हमसे मिलने में एक खराबी है,
फिर किसी और के नहीं रह पाओगे तुम।

तू मुझको जोड़ दे या रब,
मैं खुद को तोड़ बैठा हूँ।

मुझे सब मालूम है कि तू बेवफ़ा है,
फिर भी चाहा — शायद तेरी फितरत बदल जाए।

साँस मेरी उलझ जाती है,
जब तेरा नाम कोई और लेता है।

सुना है इश्क़ का शौक़ नहीं तुम्हें,
मगर बर्बाद कमाल का करते हो तुम।

लोगों को लगती है आह,
तुम्हें मेरा सब्र लगेगा इंतज़ार करना।

तुम सोचती हो कि मुझे कुछ दिखाई नहीं देता,
पर सच ये है कि मैं जानता हूँ तुम अब राह बदल रही हो।

तेरा प्यार भी उस घर जैसा था जो किराए पर मिला हो,
कितना भी सजाया, पर कभी अपना न हो सका।

उसने ताना मारा कि “तुम्हारे अंदर अब वो बात नहीं,”
काश हम भी बेवफ़ा होते तो शायद ख़ास कहलाते।

ज़िंदगी में नफ़रत करने वाले भी अपना महत्व रखते हैं,
अगर सब प्यार ही करने लगें तो नजरें लगना आसान हो जाएगा।

जब खुद पर बीतेगी तब जानोगी,
कोई अपना याद न करे — तो कितना दर्द होता है।

क्या ज़रूरी था यूं ख़फ़ा होना,
तुम वैसे भी छोड़ सकती थीं — बिन कुछ कहे।

मुझे लगता था कि तुम आओगी,
पर सिर्फ़ लगने से कोई वापस थोड़ी आता है।

हमसे क्या हो सका मोहब्बत में,
ख़ैर — तुमने तो बेवफ़ाई ही की थी।

मेरी शामों की रौनक हुआ करता था,
वो शख़्स — जो अब मुझसे बात भी नहीं करता।

मिट्टी का ही तू मिट्टी होना — इसमें क्या है बल-बल के?
आज मिट्टी के ऊपर है तू, कल मिट्टी के नीचे होगा।

अपने ही हाथों से कर दिया उसे आज़ाद,
जिस परिंदे में जान बसती थी मेरी।

Sad Bewafa Wife Shayari in Hindi

कोई शिकवा नहीं है अब तेरी बेवफ़ाई का,
गिला तब होता अगर तूने किसी से निभाई होती।

तेरा वो बेवफ़ा सा मुस्कुराना,
अब भी भूल जाना आसान नहीं है।

उसे तो जुदा होना भी नहीं आया,
जाते-जाते खुद को मेरे दिल में ही छोड़ गया।

बेवफ़ाई चाहे मर्द करे या औरत,
वफ़ा निभाने वालों के लिए वो मौत बन जाती है।

मुझे भुला देने का तेरा दावा अपनी जगह,
पर मेरे नाम पर तेरा चौंकना सुकून दे गया।

तेरे नाम के धागे भी,
कल दरबार से खोल लाया हूँ मैं।

बहुत देखे हैं हमने इस दुनिया में बेवफ़ा,
पर तुझ जैसा कोई नहीं निकला यहाँ।

हमने की थी तुझसे सच्ची मोहब्बत,
पर तू ही झूठी निकली हर मोड़ पर।

गुज़री जो आज तेरी गली से,
तो आँख से आँसू यूँ ही बह निकले।

कुछ भी नहीं बदला उस मोड़ पे,
बस तू नहीं थी बाक़ी सब वही था।

अब न तो तुझसे नफ़रत रहती है, न ही कोई खुशी बची है,
ये तो बस टूटे हुए रिश्ते की मायूसी की निशानी बन गई है।

मत समझ कि तेरे जाने से मैं पूरी तरह टूट जाऊँगा,
कई रिश्तों को मैंने दबाया था बस तुम्हारे नाम पर, अब वो मेरे साथ हैं।

तेरी मोहब्बत में कुछ ऐसा जकड़ा था कि साँस घुटने लगी,
न तुम छूट पाईं न हम बेपरवाह हो पाए।

दर्द की कोई हद होती है कह कर सब समझ जाते हैं,
पर जब हम पर दर्द ने वार किया तो सारी हदें पार हो गईं।

दिल जब भी धड़कता है तो बदन में कराह उठती है,
इश्क़ ने हमें इस तरह बांधा कि खुदा तक इसकी गवाही है।

Bewafa Dost Shayari​

बेवफ़ा दोस्तों पर भी भरोसा करके ही ज़िंदगी गुज़ारी,
मैं वीरानियों में भी बादल बनकर बरसता रहा।

मेरी दर्द की दुकान है साहब,
जो अपनों की बेवफ़ाई से ही चलती है।

मुझे बेवफ़ा कहने से पहले मेरी रग-रग का ख़ून निचोड़ लेना,
अगर क़तरा-क़तरा वफ़ा न मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।

क्या तेरे दिल पर क़यामत कभी टूटेगी?
अगर तुझे देख कर मैं चुपचाप गुज़र जाऊँ।

टूट कर भी जो धड़कता रहे,
ऐसा वफ़ादार दिल कहीं और नहीं देखा।

तेरे दिल में उस दिन दर्द की आँधी उठेगी,
जब जुदाई के बाद तुझे मेरे ही नाम वाले लोग मिलेंगे।

ये मत सोचना तेरे छोड़ने से मैं बिखर जाऊँगा,
तेरे लिए बहुत से अपने पीछे छोड़ दिए थे मैंने।

दोस्ती के सफ़र में धोखा देना मुमकिन था मेरे लिए भी,
पर रगों में बहती वफ़ादारी से ग़द्दारी करना ना आया।

बेवफ़ाई ऐसा गुनाह है जिसे भूलाया नहीं जा सकता,
इश्क़ और दोस्ती दोनों में सिर्फ़ वफ़ा ही सच्ची पहचान होती है।

नफ़रत करते तो शायद उनकी अहमियत बढ़ जाती,
हमने माफ़ कर के उन्हें ही शर्मिंदा कर दिया।

तन्हा कर गया वो शख़्स बस इतना कहकर,
सुना है मोहब्बत बढ़ती है — बिछड़ जाने से।

तुझसे वफ़ा की उम्मीद भी न थी,
बेवफ़ा जो ठहरे थे तुम पहले ही।

साथ छोड़ने वाले दोस्त से शिकायत क्या करूं,
जिसे हर बार अपना समझा — वो हर बार ग़ैर निकला।

जिसे हँसी बांटी थी, आँसू भी बाँटे थे,
वही आज सबसे पहले मुँह मोड़ गया दोस्त बनकर।

उसकी बेवफ़ाई के बाद भी उसे चाहा.
ये एतराफ़ भी मेरे गुनाहों में शामिल है.

इश्क़ ऐसा किया जो अब भी दिल में है.
मुझे खुद से ही शर्म आने लगी है.

दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी 4 line

रुख़्सत हुआ तो आँख मिला कर नहीं गया.
क्यों गया, ये भी बता कर नहीं गया.
हम तो उसके होने में ही जी रहे थे.
वो चुपचाप हमें सज़ा कर नहीं गया.

कभी उसका हुआ, कभी मेरा हुआ.
अपने हुस्न का यूँ ही सौदा करता गया.
न मोहब्बत बची, न वफ़ा कोई रही.
हर रिश्ता वो व्यापार समझता गया.

सच कहूँ — अब तुमसे नफ़रत सी होने लगी है.
क्योंकि इतनी बेवफ़ाई भी अच्छी नहीं लगती.
जो दिल से उतरे, वो आँखों में क्यों रहे.
अब तुम्हारी यादें भी सच्ची नहीं लगती.

कोई न था दिल में उसके सिवा.
फिर भी उसने तोड़ कर देखा मुझे.
हमने तो खुद को भुला दिया उसके लिए.
और उसने ही छोड़ दिया सबसे पहले मुझे.

कोई हमसफ़र न होगा अब तेरे बाद मेरा.
हमने सबको छोड़ा बस तेरे वास्ते.
बेवफ़ा निकला तू, फिर भी तुझसे शिकवा नहीं.
हमें तन्हाई से मोहब्बत है तेरे रास्ते.

वो बेवफ़ा न था, यूँ ही बदनाम हो गया.
हज़ारों थे चाहने वाले — पर वफ़ा किससे करता.
हमने समझा उसे बस अपना.
पर वो सबका होकर भी किसी का न हुआ.

अब किसी को मोहब्बत न दूँगी मैं.
जिसे चाहा वो किसी और का हो गया.
मेरे हिस्से की वफ़ा उसने बाँट दी.
अब मेरा दिल ही मुझसे खो गया.

दिल में उतर कर आँखों से बह गया.
तेरा ग़म भी तेरी तरह बेवफ़ा निकला.
जिसे अपना समझा था उम्र भर के लिए.
वही दर्द बनकर मेरे साथ चला.

वो मुझे भूल भी सकता है.
मैं कोई उसका ईमान तो नहीं.
मगर दिल इतना भी कमजोर नहीं.
कि बेवफ़ा को फिर से पहचान न सके.

Bewafa Dhokebaaz Shayari​

बेवफा भी तुम थे, धोखेबाज़ भी तुम,
फिर भी हर दुआ में शामिल थे तुम।

हमने तो सच्चाई से निभाई थी मोहब्बत,
तुमने झूठ से रच दी साज़िश हर पल।

वादा करके तुम ही बदल गए,
हम भरोसे की गलियों में खो गए।

तुम्हारी बातों में मिठास थी बहुत,
पर दिल में छुपा था ज़हर का समंदर।

तन्हाई में भी हमने तुझे चाहा,
तू महफिलों में हमें भूलता रहा।

हमने चुपचाप सह लिए ज़ख्म सारे,
तू हर बार हँस के वार करता रहा।

अब भरोसा करना आसान नहीं,
क्योंकि तूने यकीन को तोड़ डाला।

तेरे लिए इश्क़ बस खेल था,
हमारे लिए तो वो पूजा सा था।

अब किसी की बातों पर यकीन नहीं होता,
तेरे बाद दिल हर चेहरे से डरता है।

दिल टूटा है पर अब ये वादा है,
किसी धोखेबाज़ पर फिर दिल नहीं हारेंगे।

Final Thoughts

Hope you like our collection of bewafa shayari in Hindi, written with true emotions for girlfriend, wife, and friends. Share this on your social media status, with your loved ones, or keep it close to your heart. Every line carries pain, love, and emotions that words often fail to express. Let these bewafa shayari give voice to your silence and help you connect with those who understand your feelings.

Shibra writes

Wellcome to Everyone, I am Shibra the heart and soul behind Shayari4life.com. Writing has always been my way of expressing emotions, capturing moments and connecting with you people. Through shibrawrites, I share beautiful poetry and heartfelt quotes that reflect love, life, pain, hope, and everything in between. Every word you read here is a piece of my besutiful collection written for you. Whether you are looking for soulful shayari or inspiring quotes you will find here. I hope my words bring a little light to your day. Thank you for being here and making this journey special with your love and support.

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